शनिवार को कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल थे, जिन्होंने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। एक वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले जेटली ने भारतीय राजनीति में अपनी पहचान बनाई और भारत के सबसे सम्मानित वित्त मंत्रियों में से एक बने।
अरुण जेटली की राजनीतिक यात्रा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरू हुई, और उन्होंने अपनी सूझ-बूझ और कड़ी मेहनत से कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके द्वारा किए गए कुछ प्रमुख कार्यों के बारे में हम यहां चर्चा करेंगे, जो न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में मददगार साबित हुए, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के जीवन में भी बदलाव लाए।
अरुण जेटली के ऐतिहासिक कार्य
GST (वस्तु और सेवा कर) का कार्यान्वयन
अरुण जेटली का सबसे बड़ा योगदान GST के कार्यान्वयन में था। उन्होंने ‘एक देश, एक कर’ की अवधारणा को सफलतापूर्वक लागू किया, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक कदम था।
जन-धन योजना
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत लाखों गरीबों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया। इस योजना ने गरीबों को वित्तीय सेवाएं उपलब्ध करवाई और अरुण जेटली का इसमें महत्वपूर्ण योगदान था।
इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड (IBC)
अरुण जेटली ने नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) की समस्या से निपटने के लिए इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड लागू किया। यह कानून अब आर्थिक विवादों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
अरुण जेटली का योगदान डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण रहा। डिजिटल इंडिया और UPI जैसी पहलों ने डिजिटल लेन-देन को आसान बनाया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण हुआ।
मुद्रा योजना
मुद्रा योजना के तहत छोटे व्यवसायियों को 20 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया गया, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिली।
उज्जवला योजना
उज्जवला योजना के तहत महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए, जिससे लाखों महिलाओं को स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने का अवसर मिला।
मातृत्व अवकाश में वृद्धि (Maturity Leave Increase)
अरुण जेटली ने महिलाओं की समस्याओं को ध्यान में रखते ए मातृत्व अवकाश को 26 सप्ताह तक बढ़ाने का फैसला किया, जो महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।
नोटबंदी
2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा की गई, जिसमें पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया। अरुण जेटली ने इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बैंकिंग क्षेत्र का पुनर्गठन
अरुण जेटली ने बैंकों को पुनः पूंजीकरण और सरकारी बैंकों के विलय के जरिए मजबूत किया, जिससे भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को नया जीवन मिला।
कॉर्पोरेट टैक्स में कमी
अरुण जेटली ने कॉर्पोरेट टैक्स को 25% तक घटाया, जिससे निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिला। इसके साथ ही, रक्षा, खुदरा और बीमा जैसे क्षेत्रों में FDI की सीमा बढ़ाई, जिससे विदेशी निवेश में वृद्धि हुई।
राजनीति में प्रवेश और संघर्ष
अरुण जेटली ने अपने छात्र जीवन के दौरान ABVP से राजनीति में कदम रखा। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई। आपातकाल के दौरान जब इंदिरा गांधी सरकार ने विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था, तब अरुण जेटली भी तिहाड़ जेल में 19 महीने तक रहे। 1980 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़कर अपनी राजनीति की शुरुआत की।
अरुण जेटली ने 1991 में बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह बनाई और 2009 में BCCI के उपाध्यक्ष भी चुने गए। उनके नेतृत्व में भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए और उन्होंने देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।
अरुण जेटली का योगदान अनमोल रहेगा
अरुण जेटली का कार्यकाल भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अनमोल योगदान छोड़ गया। उनकी योजनाओं और नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की और समाज के विभिन्न वर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए। उनका निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनके कार्य और योगदान हमें हमेशा याद रहेंगे।